या वीणावरदंडमंडितकरा, या श्वेत पद्मासना !!
या ब्रह्मास्च्युत शंकर प्रभृतिर्भिरदेवाः सदाबंदिताः,
सा मां पातु सरस्वती देवी, या निशेष जाड़यापहा !!
माता सरस्वती जी को नमन करते हुए
आप सब को बसंत पंचमी पवित्र पर्व की हार्दिक शुभ कामनाये देते हुए
आप के सफल जीवन की कामना करते है
आज वही बसंत पंचमी है। विधा और वाणी की देवी मां शारदा की पूजा-अर्चना का दिन।'वीणा-पुस्तक रंजित हस्ते, गौरवर्णा भगवती भारती श्वेत हंश पर आरूढ़ होती हैं। “देवीभागवत” के अनुसार माँ सरस्वती श्री कृष्ण भगवान की जिहृवा के अगले भाग से प्रकटहुई। सर्वप्रथम श्री कृष्ण ने ही उनकी पूजा की -
'कृष्णेनसंस्तुते देवी शाश्वत्भाक्त्यासदाम्विका....!'
वीणावादिनी मां सरस्वती को महाविद्या, महावाणी, भारती, वाक्, सरस्वती, आर्या,ब्राह्मणी, कामधेनु, वेदगर्भा, धीश्वरी नामों से भी जाना जाता है। शीत ऋतु के शुभ्र चन्द्रसी द्युतिमान वीणापाणी की आराधना मन को शीतलता, विचारों को शुभ्रता और विद्या मेंतेजस्विता प्रदान करती है। माँ वागधिष्ठात्री मेरा नमन स्वीकार करें!
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभ कामनाये
जय माँ सरस्वती